Mission Bhagavad Gita | Day 19 | अध्याय 1, श्लोक 18 | धर्म की विजय की सीख <br /><br />Hare Krishna dosto! 🙏 <br />Mission Bhagavad Gita Day 19, अध्याय 1, श्लोक 18: <br /><br />“द्रुपदो द्रौपदेयाश्च सर्वशः पृथिवीपते | <br />सौभद्रश्च महाबाहुः शङ्खान् दध्मुः पृथक् पृथक् ||” <br /><br />भावार्थ – <br />धरती के स्वामी राजा द्रुपद, द्रौपदी के पुत्र और बलवान अभिमन्यु—जो सुभद्रा के पुत्र थे—ने अपने-अपने शंख बजाए। <br />शंखनाद केवल युद्ध की शुरुआत नहीं, बल्कि धर्म की विजय और अधर्म के अंत का संकेत है। <br />यह श्लोक हमें याद दिलाता है कि जब धर्म की रक्षा का समय आता है, हर व्यक्ति को अपनी भूमिका निभानी होती है—चाहे वह राजा हो, योद्धा हो, या युवा अभिमन्यु जैसा वीर। <br /><br />शिख: <br />"जब धर्म की पुकार हो, तो संकोच नहीं, शंख बजाओ और आगे बढ़ो।" <br /><br />हर दिन एक श्लोक… हर दिन आत्मा की ओर एक कदम। <br />कृपया लाइक, शेयर, फॉलो करें और Stars भेजकर समर्थन करें। <br />जय श्रीकृष्ण! जय धर्म की विजय! <br /><br />#HareKrishna #BhagavadGita #MissionBhagavadGita #Day19 #Shlok #DharmKiVijay #KrishnaVani #SpiritualLearning #GitaForLife #DailyShlok <br /><br />